Doli incapax in hindi
नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको आईपीसी के एक जरूरी टॉपिक के बारे में बता रहे है जिसे कानून में डोली इनकैपेक्स (doli incapax) के नाम से जाना जाता हैं। दोस्तों डोली इनकैपेक्स आईपीसी का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट विषय है जो है जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में भी शामिल किया गया है और इसके बारे में जानना हर वकील को काफी ज्यादा जरूरी है क्योंकि डोली इनकैपेक्स जो है, कई बार हमारे प्रेक्टिकल लाइफ में यूज लिया जाता है और यह एक ऐसा टॉपिक है जिसको अगर आप अच्छी तरह से जान लेते हैं तो आपकी वकालत में यह काफी काम आ सकता है तो दोस्तो आज की इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा। डोली इनकैपेक्स क्या होता है? डोली इनकैपेक्स कि क्या इंपोर्टेंस है हमारे कानून में तो आइए जानते हैं।
दोस्तों डोली इनकैपेक्स के कांसेप्ट को समझने के लिए हमें सबसे पहले भारतीय दंड संहिता का सेक्शन 82 और सेक्शन 13 सी को पढ़ना पड़ेगा तो दोस्तों सबसे पहले पढ़ते है कि क्या कहता हैं सेक्शन 82 और सेक्शन 83 भारतीय दंड संहिता का
भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा किया गया कोई भी कार्य अपराध नहीं है।
82 के अनुसार, सात वर्ष से कम आयु के शिशु द्वारा किया गया कोई भी कार्य अपराध नहीं है।
धारा 83 आईपीसी- सात वर्ष से ऊपर किंतु बारह वर्ष से कम आयु के अपरिपक्व समझ के शिशु का कार्य
भारतीय दंड संहिता की धारा 83 के अनुसार, कोई बात अपराध नहीं है, जो सात वर्ष से ऊपर और बारह वर्ष से कम आयु के ऐसे शिशु द्वारा की जाती है जिसकी समझ इतनी परिपक्व नहीं हुई है कि वह उस अवसर पर अपने आचरण की प्रकॄति और परिणामों का निर्णय कर सके ।
उपरोक्त दोनों कथनों का मतलब है
कुछ भी ऐसा किया गया अपराध नहीं होगा जो सात साल से कम उम्र और बारह वर्ष से कम उम्र के बच्चे द्वारा किया जाता है, जिसने उस अवसर पर प्रकृति और उसके आचरण के परिणामों को समझने के लिए पर्याप्त परिपक्वता हासिल नहीं की है उसे डोली इनकैप्स कहते है
दोस्तो ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि हमारा कानून यह कहता कि कोई बच्चा जो 7 वर्ष से कम का हो और जिस की अधिकतम आयु 12 वर्ष से कम हो। उसके अंदर इतनी समझ नहीं होती। इतनी परिपक्वता नहीं होती कि वह जो भी करने जा रहा है उसके बारे में सही और गलत का निर्णय वो अपने विवेक से कर सके। अगर कोई बच्चा ऐसे में जाने अनजाने कोई अपराध कर देता है तो इसका यह मतलब है कि उस बच्चे ने जो कि अपराध किया है, उसने ना समझे में किया है। हालांकि दोस्तों यह कांसेप्ट अपने आप मे पूर्ण नही है कई बार ऐसा भी होता है कि कोई बच्चा जब अपराध कर देता है तो उस अपराध को जस्टिफाई बच्चा खुद भी कर देता है या वो जो अपराध करने जा रहा होता है उसे उसके परिणामस्वरूप होने वाली प्रतिक्रिया उसे खुद पता होती है और सब जानते बुझते हुए अगर वो अपराध करता है तो ऐसे में वह बच्चा अपराधी माना जाता है। ऐसे केस में डोली इनकैप्स का सिद्धांत काम नही करता है, या ऐसा मामले में कोर्ट निर्णय अपने विवेक से लेता है।
डोली इनकैप्स के सिद्धांत को को लेकर एक महत्वपूर्ण केस लॉ आपको नीचे दे रहा हूँ आप चाहे तो इसे पढ़ सकते है।
दोस्तो ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि हमारा कानून यह कहता कि कोई बच्चा जो 7 वर्ष से कम का हो और जिस की अधिकतम आयु 12 वर्ष से कम हो। उसके अंदर इतनी समझ नहीं होती। इतनी परिपक्वता नहीं होती कि वह जो भी करने जा रहा है उसके बारे में सही और गलत का निर्णय वो अपने विवेक से कर सके। अगर कोई बच्चा ऐसे में जाने अनजाने कोई अपराध कर देता है तो इसका यह मतलब है कि उस बच्चे ने जो कि अपराध किया है, उसने ना समझे में किया है। हालांकि दोस्तों यह कांसेप्ट अपने आप मे पूर्ण नही है कई बार ऐसा भी होता है कि कोई बच्चा जब अपराध कर देता है तो उस अपराध को जस्टिफाई बच्चा खुद भी कर देता है या वो जो अपराध करने जा रहा होता है उसे उसके परिणामस्वरूप होने वाली प्रतिक्रिया उसे खुद पता होती है और सब जानते बुझते हुए अगर वो अपराध करता है तो ऐसे में वह बच्चा अपराधी माना जाता है। ऐसे केस में डोली इनकैप्स का सिद्धांत काम नही करता है, या ऐसा मामले में कोर्ट निर्णय अपने विवेक से लेता है।
डोली इनकैप्स के सिद्धांत को को लेकर एक महत्वपूर्ण केस लॉ आपको नीचे दे रहा हूँ आप चाहे तो इसे पढ़ सकते है।
दोस्तों इस टॉपिक के बारे में ज्यादा जानकारी लेने के लिए आप हमारा एक वीडियो आप देख सकते हैं जो वीडियो हमने हमारे यूट्यूब चैनल एडवोकेट राज राठौड़ पर डाल रखा है। उस वीडियो को नीचे दे रहा हूँ 👇
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थैंक यू सो मच! 🙏
Very useful.
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