सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Bar council of Rajasthan में अपना रेजिस्ट्रेशन कैसे करवाये ?

नमस्कार दोस्तों 

आपका स्वागत है। मेरी इस ब्लॉग स्पॉट पोस्ट पर दोस्तों आज के इस ब्लॉग पोस्ट में मैं आपको बताने जा रहा हूं कि आप कैसे BCR यानी बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में अपना एनरॉलमेंट एक वकील के रूप करा सकते है ?

 और BCR में इनरोलमेंट करने के लिए आपको कौन कौन से डॉक्यूमेंट चाहिए होगे ? और BCR में आपका इनरोलमेंट हो जाने के बाद आपको क्या-क्या फायदा होगा ?

इन सारे सवालों के जबाब आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से दूंगा ताकि आपके बार काउंसिल ऑफ राजस्थाान
में आसानी से रेजिस्ट्रेशन हो जाये।
तो दोस्तो अगर आप ने law की डिग्री ले ली है यानी LL.B या B.A.LLB की पढ़ाई पूरी कर ली है औऱ आप राजस्थान से है तो आपके सामने सबसे पहला विकल्प होता है की आप वकील/एडवोकेट के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन BCR यानी बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में करवाये दोस्तों बीसीआर में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको सबसे पहले कुछ डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। उन डॉक्यूमेंट को कलेक्ट करने के बाद आप BCR में रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करवाने के बहुत सारे फायदे हैं जब राजस्थान बार मे रजिस्ट्रेशन करवाते हैं तो आप ऐज ए एडवोकेट रजिस्टर्ड हो जाते हैं और लॉ ऑफ कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए आप एलिजिबल हो जाते हैं। यानी आप वकील के रूप में कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकते हैं।
दोस्तों अब हम आपको बताते हैं कि कैसे आप BCR में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते है और इसके लिए आपको क्या करना होगा ?
तो दोस्तों बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए सबसे पहले आपको बीसीआर की वेबसाइट विजिट करनी होगी। यानी राजस्थान बार कौंसिल की वेबसाइट विजिट करनी होगी। जब आप राजस्थान बार कौंसिल की वेबसाइट पर विजिट करेंगे तो आपके सामने इनरोल न्यू एडवोकेट का एक ऑप्शन आएगा। उस पर आप क्लिक करके ऑनलाइन अपना फॉर्म भर कर अपना रजिस्ट्रेशन के लिये आवदेन कर सकते हैं फोरम में पूछी गईं हर जानकारी आपको एकदम सही और सटीक भरनी है और फॉर्म को सबमिट कर देना है।
दोस्तों अगर आपको यह तरीका समझ में नहीं आ रहा है तो नीचे मैं आपको एक वीडियो दे रहा हूं। इस वीडियो को देख कर के आप पूरा प्रोसेस को स्टेप बाई स्टेप समझ सकते हैं और अपना रजिस्ट्रेशन बहुत ही आसानी से बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में करवा सकते हैं है दोस्तों बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको किन किन डॉक्यूमेंट की जरूरत होंगी आइये देखते है।

दोस्तों बीसीआर में रजिस्ट्रेशन के लिए आपको निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी।

1.ऑनलाइन जो फॉर्म भरा है उसकी कॉपी
2. पेमेंट चालान की
3.10th 12th की ओरिजिनल मार्कशीटस
4.आपके ग्रेजुएशन की सारी मार्कशीट।
5.आपने जिस यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है उस यूनिवर्सिटी से माइग्रेशन सर्टिफिकेट की।
6.और एक एफिडेविट की


आपको सभी ओरिजिनल दस्तावेजों की जरूरत होगी। अब आप बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के ऑफिस जाकर सभी दस्तावेजो को पर्सनली जमा करवा देना हैं, अगर आप बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के ऑफिस (कचहरी परिसर जोधपुर) जाकर जमा नहीं करवाना चाहते हैं तो आप डाक के जरिए भी बार कौंसिल ऑफ राजस्थान को भेज सकते हैं। यह सारे डॉक्यूमेंट इन सारे डॉक्यूमेंट को भेजने के बाद लगभग 3 महीने बाद आप का रजिस्ट्रेशन हो जाता है अगर आपके फॉर्म और कागजों में कोई त्रुटि ना हो तो।
जिसकी सूचना आपको मेल या sms के जरिये मिल जाती है और ज्यादा जानकारी ओर 
BCR की ऑफिसयल वेबसाइट विज़िट करे।
Step by step जानकारी के लिए हमारा यह वीडियो जरूर देखें 👇👇


तो दोस्तो आशा करता हूँ आपको हमारा यह ब्लॉग पोस्ट पसन्द आयी होगी अगर यह पोस्ट पसन्द आयी है और ऐसे ही ब्लोग देखना और पढ़ना चाहते हैं तो आप इस पेज को बुकमार्क कर सकते है। या फिर आप हमारे यूट्यूब चैनल Advocate Raaj Rathore भी सब्सक्राइब कर सकते है धन्यवाद 🙏




टिप्पणियाँ


  1. Sir maine abhi form submit nhi kia h maine personal information Dali h usme koi galti rah gai h usko correction kaise kare. Koi option nhi aa rha

    जवाब देंहटाएं
  2. Kya self attested compulsory h??? Plz give answer as soon as possible...or agar signature match nhi huye toh kya koi dikkat hoti h in future???

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Doli incapax hindi section 82 and 83 of IPC

Doli incapax in hindi  नमस्कार दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको आईपीसी के एक जरूरी टॉपिक के बारे में बता रहे है जिसे कानून में डोली इनकैपेक्स (doli incapax) के नाम से जाना जाता हैं। दोस्तों डोली इनकैपेक्स आईपीसी का एक बहुत ही इंपॉर्टेंट विषय है जो है जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में भी शामिल किया गया है और इसके बारे में जानना हर वकील को काफी ज्यादा जरूरी है क्योंकि डोली इनकैपेक्स जो है, कई बार हमारे प्रेक्टिकल लाइफ में यूज लिया जाता है और यह एक ऐसा टॉपिक है जिसको अगर आप अच्छी तरह से जान लेते हैं तो आपकी वकालत में यह काफी काम आ सकता है तो दोस्तो आज की इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा। डोली इनकैपेक्स क्या होता है? डोली इनकैपेक्स कि क्या इंपोर्टेंस है हमारे कानून में तो आइए जानते हैं।                             Doli incapax image दोस्तों डोली इनकैपेक्स के कांसेप्ट को समझने के लिए हमें सबसे पहले भारतीय दंड संहिता का सेक्शन 82 और सेक्शन 13 सी को पढ़ना पड़ेगा तो दोस्तों सबसे पहले पढ़ते है कि क्या कहता हैं सेक्शन 82 और सेक्शन 83 भारतीय दंड संहिता का भारतीय दंड संहिता की धारा 82 के अनुसार, सात वर्ष

difference between void and voidable contract in Hindi

Void contract को हिंदी में शून्य अनुबंध कहा जाता है और Voidable contract को शून्यकरणीय संविदा कहा जाता है। तो सबसे पहले बात करते है वॉइड कॉन्ट्रैक्ट की    1..Void contract या शून्यअनुबंध; According to section 2(j) of the Indian Contract Act , the agreement not enforceable in the court of law is void “An agreement not enforceable by law is said to be void”. इसका मतलब है कि void contract शुरुआत से ही नाजायज यानी not valid कॉन्ट्रैक्ट होता है जिसमे आपको कानूनी रूप से सहायता नहीं मिलती जैसे आपने जिसके पार्टी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है उसने अगर धोखा दे दिया! तो आपके पास कोई कानूनी विकल्प नही रहे जाता है। क्योंकि वो कॉन्ट्रैक्ट क़ानून valid था ही नही। दोस्तों यह एक ऐसा contract होता है जिसमें आप दूसरे व्यक्ति के साथ कॉन्ट्रैक्ट में तो होते हैं, लेकिन उस कॉन्ट्रैक्ट में आप कोई ऐसा कार्य करने को बोल रहे हैं जो कानूनन वैलिड नहीं है जैसे कि आप से एक व्यक्ति ने कहा कि अगर मैं तुम्हारे साथ जुआ में हार जाता हूं तो मैं मेरी कार तुम्हें दे दूंगा तो यह जो कॉन्ट्रैक्ट है, जुआ का जो वैलिड है नहीं कानू

डाईंग डिक्लेरेशन यानी मृत्युकालीक कथन क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तों स्वागत है। आपका आज की ब्लॉग पोस्ट में दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम आपको बताने जा रहे हैं। डाईंग डिक्लेरेशन के बारे में दोस्तों और डाईंग डिक्लेरेशन हमारे क़ानून का एक बहुत ही शानदार कांसेप्ट है। डाईंग डिक्लेरेशन का सिंपल सा मतलब होता है। जब कोई व्यक्ति मरने वाला होता है, उससे पहले उस व्यक्ति द्वारा दिया गया कोई बयान डाईंग डिक्लेरेशन के रूप में जाना जाता है । दोस्तों डाईंग डिक्लेरेशन यानी मृत्युकालीक कथन के कांसेप्ट को जानने के लिए हम आपको कुछ सवाल जवाब के रूप में इस कांसेप्ट को समझाने की कोशिश करते हैं ताकि आपको यह जो कॉन्सेप्ट बहुत ही आसानी से समझ में आ जाए और आपके मन में डाईंग डिक्लेरेशन से रिलेटेड जो भी सवाल जवाब आपके दिमाग में आएंगे, उनका भी हल हो जाएगा तो दोस्तों देखते हैं। आखिर डाईंग डिक्लेरेशन क्या है और इसको किस तरीके से हमारा कानून देखता है। 1. मृत्युकालीक कथन का क्या कोई फॉर्मेट होता है या होना चाहिए ? नही ऐसा कुछ आवश्यक नही है मृत्युकालिक कथन मौखिक हो सकता है या फिर लिखित भी हो सकता है जहां तक मौखिक बयान का सवाल है, तो इसका अस्तित्व या इसको मरने वाले व्यक्ति